भोपाल। कोरोना संकटकाल के बीच केन्द्र और राज्य सरकार कोरोना के उपचार से लेकर डिस्चार्ज तक की गाइडलाइन जारी करता जा रही है. ये गाइडलाइन विशेषज्ञों से विस्तार से चर्चा करने के बाद जारी की जाती है. कोरोना के मरीजों के बढ़ते कहर को देखते हुए केंद्र सरकार की जारी की गई गाइडलाइन ने संदिग्ध मरीजों की स्क्रीनिंग, सैंपलिंग से लेकर इलाज करने वाले मेडिकल स्टाफ के क्वारेंटाइन को लेकर कई बदलाव किए गए हैं।
नए बदलावों में ये आदेश जारी किए गए हैं की अब पीपीई किट पहनकर कोरोना के मरीजों का इलाज और देखभाल करने वाले डॉक्टर और स्टाफ को क्वारेटाइन नहीं किया जाएगा। भोपाल में स्वास्थ्य आयुक्त के आदेश के बाद जीएमसी के डीन ने क्वारेंटाइन में रह रहे स्टाफ को तत्काल सेंटर खाली करने के आदेश दिए हैं.इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना के लक्षणों की भी सूची जारी की है. केंद्र सरकार की गाइडलाइन के बाद स्वास्थ्य आयुक्त फैज अहमद किदवई ने सभी जिलों के कलेक्टर सीएमएचओ और सिविल सर्जन को आदेश जारी कर कोरोना के संदिग्ध और पॉजिटिव मरीजों को लक्षणों के आधार पर चिह्नित अस्पतालों में रेफर करने को लेकर आदेश जारी किया है।
कोरोना के लक्षण
अब कोरोना के मुख्य लक्षणों में केवल सर्दी, खांसी, गले में खराश और तेज बुखार नहीं होंगे। बिना किसी लक्षण के भी मरीज़ की रिपोर्ट पॉजिटिव आती जा रही है। इस बात को ध्यान में रखकर नई गाइडलाइन में अब लगभग 15 प्रकार के नए लक्षण कोरोना के संदिग्ध माने जाएंगे। अब जी मिचलाना, उल्टी, दस्त, स्वाद और खुशबू की पहचान ना कर पाना, चलने में तकलीफ, त्वचा पर दाने, हाथ पैरों की उंगलियों का रंग बदलना, होठों में चेहरे का नीला पड़ जाना, जैसी स्थितियां भी अब कोरोना की लक्षणों में मानी जाएंगी। नई गाइडलाइन के मुताबिक ऐसा माना जा रहा है कि पीपीई किट में इलाज और देखभाल के दौरान संक्रमण की संभावना नहीं है। नॉन कोविड वार्ड में भर्ती अन्य मरीजों में से किसी की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उसका ट्रीटमेंट और देखभाल करने वाले स्टाफ को ही क्वॉरेंटाइन किया जाएगा।